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विद्युत ऊर्जा की निर्मिती (Generation of electrical energy)

     अनेक विद्युत निर्मिती केन्द्रो में विद्युत ऊर्जा तैयार करने के लिए मायकेल फैराड़े इस वैज्ञानिक द्वारा खोजे गए विद्युत-चुंबकीय प्रेरण (Electro-magnetic induction) इस सिद्धांत का उपयोग किया जाता है । इस सिद्धांत के अनुसार विद्युत वाहक तार के आसपास का चुंबकीय क्षेत्र बदलने पर विद्युत वाहक तार में विभवांतर का निर्माण होता है।      विद्युत वाहक तार के आसपास का चुंबकीय क्षेत्र दो प्रकार से बदल जा सकता है । विद्युत वाहक तार स्थिर हो और चुंबक घूमता रहे तो विद्युत वाहक तार के आसपास का चुंबकीय क्षेत्र बदल जाता है या चुंबक स्थिर हो और विद्युत वाहक तार घूमती हो तो भी विद्युतवाहक तार के आसपास का चुंबकीय क्षेत्र बदल जाता है, अर्थात इन दोनों ही तरीकों से विद्युत वाहक तार में विभवांतर का निर्माण हो सकता है । (आकृति  देखिए) इस सिद्धांत पर आधारित विद्युत निर्मिती करनेवाले यंत्र को विद्युत जनित्र (electric generator) कहते हैं ।     विद्युत निर्मिती केन्द्रों में इस प्रकार के बड़े जनित्रों का उपयोग किया जाता है । जनित्र के चुंबक को घूमाने के लिए टर्बाइन (Turbine) का उपयोग करते हैं । टर्बाइन में पातें (