Bon Appetit Your Majesty Ep 8 Watch Hindi dubbed

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 You can watch “Bon Appétit, Your Majesty” — Episode 8 legally on Netflix, and Netflix offers Hindi audio for the series in many regions (including India). The episode is confirmed to be released on Netflix India at 5:40 PM IST on September 14, 2025. Watch now  एपिसोड की शुरुआत दरबार में होती है जहाँ सम्राट और उनके सलाहकार अगले भोज (royal banquet) की तैयारी कर रहे होते हैं। इस भोज का उद्देश्य राजकीय मेहमानों को प्रभावित करना और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना है। 🔹 मुख्य कहानी शाही रसोइया (Royal Chef) को यह ज़िम्मेदारी मिलती है कि वह भोज को विशेष बनाए। रसोइया नई-नई डिश बनाने की कोशिश करता है, लेकिन दरबारियों की अलग-अलग मांगें और दबाव उसकी मुश्किलें बढ़ा देते हैं। इसी बीच महल की राजनीति और राजसी षड्यंत्र भी सामने आते हैं। कुछ दरबारी चाहते हैं कि भोज असफल हो जाए ताकि सम्राट की छवि खराब हो। 🔹 संघर्ष भोज की तैयारी के समय कई बाधाएँ आती हैं — सामग्री की कमी, रसोई में गड़बड़ी और विरोधियों की चालें। लेकिन रसोइया और उसके साथी मेहनत करके हर समस्या का समाधान निकालते हैं। 🔹 क्लाइमैक्स भोज ...

विद्युत चलित्र (Electric Motor)


         ऊर्जाके विविध रूप आपको पता हैं । आपको यह भी पता है कि ऊर्जा का रूपांतरण हो सकता है विद्‌युत ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा मे रूपांतरण करने वाले यंत्र को विद्‌युत चलित्र कहते है । हमारे आसपास दैनिक जीवन में इस विद्‌युत चलित्र को वरदान ही कहा जा सकता है । इसका उपयोग पंखे, प्रशीतक, मिक्सर, धुलाई यंत्र, संगणक, पंप में किया हुआ िदखता है ? यह विद्‌युत चलित्र कैसे कार्यकरता है?

दैनिक उपयोग का विद्युत चलित्र


     विद्‌युत चलित्र में विद्‌युत अवरोधक आवरण वाले ताँबे के तार की एक आयताकार कुंडली होती है । यह कुंडली, चुंबक के (उदा. नाल चुंबक) उत्तर और दक्षिण ध्रुवों के बीच, आकृति में दिखाए अनुसार इस प्रकार रखी होती है कि उसकी AB तथा CD भुजाएँ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के लंबवत होती हैं । कुंड़ली के दो सिरे विभक्त वलय के दो अर्धभागों X तथा Y से संयोजित होते हैं । इन अर्धभागों की भीतरी सतह विद्युतरोधी होती है तथा चलित्र की धूरी से जुड़ी होती है । X तथा Y अर्धवलयों के बाहरी विद्‌युत वाहक पृष्ठभाग दो स्थिर कार्बन ब्रश E तथा F से स्पर्शकरते   हैं ।



  आकृति में दर्शाए अनुसार, विद्‌युत परिपथ पूर्णकरने पर विद्युतधारा E तथा F कार्बन ब्रशों के माध्यम से कुंड़ली में से प्रवाहित होने लगती है । कुंडली की भुजा AB में विद्युत धारा A से B की ओर प्रवाहित होती हैं । चुंबकीय क्षेत्र की दिशा N ध्रुव से S ध्रुव की ओर होने के कारण उसका प्रभाव AB भुजा पर होता है । फ्लेमिंग के बाएँ हाथ के नियमानुसार AB भुजा पर निर्मित होनेवाला बल उसे नीचे की ओर ढ़केलता हैं । CD भुजा में प्रवाहित होनेवाली विद्‌युत धारा की दिशा AB भुजा की विपरीत दिशा में होने के कारण निर्मित हाेने वाला बल उस भुजा को ऊपर की ओर विपरीत दिशा में ढकेलता है इस प्रकार कुंडल आैर धूरी घड़ी के काँटों के विपरित दिशा में घूमने लगते हैं । आधा घूर्णत होते ही विभक्त वलय के अर्ध भाग X और Y क्रमशः F आैर E कार्बन ब्रश के संपर्क में आते हैं । अतः कुंड़ली में विद्‌युत धारा DCBA के अनुदेश प्रवाहित होती हैं ।
इस कारण DC भुजा पर नीचे की ओर तथा BA भुजा पर ऊपर की ओर बल क्रियाशील होता है और कुंडली अगला अर्ध घूर्णत पहले की ही दिशा में पूर्णकरती है । इस प्रकार प्रत्येक अर्ध घूर्णन के पश्चात्कुंड़ली तथा धूरी एक ही अर्थात् घड़ी के काँटों की विपरीत दिशा में घूर्णन करते रहते हैं । व्यावसायिक चलित्र इसी सिद्धांत पर कार्यकरते है, लेकिन उनकी संरचना में व्यावहारिक रूप से परिवर्तन किए जाते है, इसे आप आगे सीखने वाले हैं ।

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