गुरुत्वीय लहरें (Gravitational waves)

गुरुत्वीय लहरें (Gravitational waves)



 पानी में पत्थर डालने पर उसमें लहरें निर्मित होती हैं, इसी प्रकार एक रस्सी के दोनों सिरों को पकड़कर हिलाने पर उसपर भी लहरे निर्मित होती हैं, यह आपने देखा ही होगा । प्रकाश भी एक प्रकार की तरंग है, उसे विद्‌युतचुंबकीय तरंग कहते हैं । गामा किरण, क्ष- किरण, पराबैंगनी किरण, अवरक्त किरण, माइक्रोवेव्ह और रेडिओ तरंग ये सभी विद्‌युतचुंबकीय तरंग के ही विविध प्रकार हैं । खगोलीय पिंड ये तरंगे उत्सर्जित करते हैं और हम अपने उपकरणों द्‌वारा उन्हें ग्रहण करते हैं । विश्व के बारे में संपूर्ण जानकारी हमें इन तरंगों के द्‌वारा प्राप्त हुई है । गुरूत्वीय तरंगे एकदम अलग प्रकार की तरंगे हैं, उन्हें अंतरिक्ष काल की तरंगे कहा जाता है । उनके अस्तित्व की संभावना आईनस्टीन 1916 में व्यक्त की थी । ये तरंगें अत्यंत क्षीण होने के कारण उन्हें खोजना अत्यंत कठिन होता है । खगोलीय पिंडों में से उत्सर्जित गुरूत्वीय तरंगों को खोजने के लिए वैज्ञानिकों ने अत्यंत संवेदनशील उपकरणों को विकसित किया है । इसमें LIGO (Laser Interferometric Gravitational Wave Observatory.) प्रमुख है । वैज्ञानिकों ने सन 2016 में आईनस्टाईन की भविष्यवाणी के 100 वर्षों के पश्चात गुरूत्वीय तरंगो की खोज की । इस शोध में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान है । इस शोध के द्‌वारा विश्व की जानकारी मिलने के लिए एक नया मार्ग खुल गया है ।

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