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परिनालिका में से प्रवाहित होनेवाली विद्युत धारा द्वारा निर्माण होनेवाला चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field due to a current in a solenoid)
विद्युत अवरोधक आवरण वाली ताँबे की तार लेकर
तार के फेरों से कुंड़ली तैयार करने पर बननेवाली रचना को
परिनालिका (Solenoid) कहते हैं ।
परिनालिका में से विद्युत धारा प्रवाहित होनेपर निर्मित
होनेवाली चुंबकीय बल रेखाओं की संरचना आकृति 4.9 में
दर्शायी गई है । छड़चुंबक की चुंबकीय बलरेखाओं से आप
परिचित है ही । परिनालिका द्वारा निर्मित होनेवाले चुंबकीय
क्षेत्र के सभी गुणधर्म छड़चुंबकद्वारा निर्मित होनेवाले
चुंबकीय क्षेत्र के गुणधर्मों के समान होते हैं ।
पलिनालिका का एक खुला सिरा चुंबकीय उत्तरी ध्रुव
के रूप में तथा दूसरा चुंबकीय दक्षिण ध्रुव के रूप में कार्य
करता है । पलिनालिका की चुंबकीय बल रेखाएँ परस्पर
समांतर रेखाओं के स्वरूप में होती हैं । इसका क्या अर्थ होता
है? यही कि चंुबकीय क्षेत्र की तीव्रता परिनालिका के
आंतरिक भाग में सर्वत्र समान होती है, अर्थात परिनालिका
के अंदर चुंबकीय क्षेत्र एक समान होता है ।
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