न्यूलँड के अष्टकाें का नियम (Newlands’ Law of Octaves)

 न्यूलँड के अष्टकाें का नियम (Newlands’ Law of Octaves)

अंग्रेज रसायन वैज्ञानिक जॉन न्यूलँड्स ने एक अलग ही मार्ग से परमाणु द्रव्यमान का सहसंबंध तत्त्वों के गुणधर्म से जोड़ा। सन 1866 में न्यूलैंड ने उस समय ज्ञात सभी तत्त्वों को उनके परमाणु द्रव्यमानों के आरोही क्रम में रखा । इसकी शुरूआत सबसे हल्के तत्त्व हाइड्रोजन तो अंत थोरियम इस तत्त्व से हुआ । उन्होंने पाया की प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म यह पहले तत्त्व के गुणधर्मके समान होता है । जैसे सोडियम यह लिथियम से आठवें क्रमांक का तत्त्व होकर इन दोनों के गुणधर्म समान है । उसी प्रकार मॅग्नेशियम की बेरीलियम से समानता है, तो फ्लोरिन की क्लोरीन के साथ समानता है । न्यूलैंड्स ने इस समानता की तुलना संगीत के अष्टक से की । उसने आठवें तथा पहले तत्त्व के गुणधर्म मे पाए जानेवाली समानता को अष्टक का नियम कहा है ।

न्यूलँड के अष्टकाें का नियम (Newlands’ Law of Octaves)
न्यूलँड के अष्टकाें का नियम (Newlands’ Law of Octaves)


 न्यूलैंड्स के अष्टक नियम में बहुत सारी त्रुटियाँ सामने आई । यह नियम केवल कॅल्शियम तत्त्व तक ही लागू होता है । न्यूलैंड ने ज्ञात सभी तत्त्वो को 7 x 8 इस 56 स्तंभो की सारणी में व्यवस्थित किया । ज्ञात सभी तत्त्वों को स्तंभो में समाविष्ट करने के लिए न्यूलैंडसने कुछ स्थानों पर दो-दो तत्त्वों को रखा । उदा. Co तथा Ni , Ce तथा La इसके अतिरिक्त उन्होने कुछ भिन्न गुणधर्मावाले तत्त्वों को एक ही स्वर के नीचे रखा । उदा. Co तथा Ni इन धातुओं को न्यूलैंडस ने डो इस स्वर के नीचे, Cl तथा Br इन हॅलोजनों के साथ रखा । इसके विपरीत Co तथा Ni इनसे समानता रखनेवाले Fe को उनसे दूर ‘O’ तथा S इन अधातुओ के साथ ‘टी’ इस स्वर के नीचे रखा उसी प्रकार नए खोजे गए तत्त्वों को समाविष्ट करने के लिए न्यूलैंड के अष्टक नियम में कोई प्रावधान नहीं था । कालांतर में खोजे गए नए तत्त्वों के गुणधर्म न्यूलैंड के अष्टक में लागू नहीं होते थे ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पानी का असंगत व्यवहार (Anomalous behaviour of water )

HUMAN LIFE AND TECHNOLOGY

विद्युत चलित्र (Electric Motor)