रविवार, 27 सितंबर 2020

आधुनिक आवर्त सारणी और तत्त्वों का इलेक्ट्रॉन संरूपण (Modern periodic table and electronic configuration of elements)

 आधुनिक आवर्त सारणी और तत्त्वों का इलेक्ट्रॉन संरूपण (Modern periodic table and electronic configuration of elements)



एक ही आवर्त में नजदीक पाए जानेवाले तत्त्वों के गुणधर्मों में थोड़ा सा अंतर होता है, परंतु अधिक दूर स्थित तत्त्वों के गुणधर्मों में अधिक अंतर पाया जाता है । एक ही समूह के सभी तत्त्वों के रासायनिक गुणधर्मों में समानता तथा श्रेणीबद्धता (Gradation) दिखाई देती है । आधुनिक आवर्त सारणी के समूह तथा आवर्तों की ये विशेषताएँ तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक संरूपण के कारण हैं । किसी तत्त्व को आधुनिक आवर्त सारणी में किस समूह या आवर्त मे रखना है यह उसके इलेक्ट्रॉन संरूपण के आधार से स्पष्ट होता है ।

Modern periodic table

आधुनिक आवर्त सारणी में....

 1. सभी तत्त्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के आरोही क्रम मे रखा गया ।

 2. ऊर्ध्वाघर स्तंभों को समूह कहते हैंकुल 18 समूह हैं एक ही समूह के सभी तत्त्वों के रासायनिक गुणधर्मों में समानता तथा श्रेणीबद्धता दिखाई देती है ।

 3. क्षैतिज पंक्तियों को आवर्तकहते हैंकुल 7 आवर्त हैं किसी आवर्त में एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाने पर तत्त्वों के गुणधर्मों मे क्रमशः परिवर्तन होता है 

समूह व इलेक्ट्रॉन संरूपण (Groups and electronic configuration)

आपको दिखाई देगा की समूह 1 अर्थात्क्षारीय धातुओं के वंश के इन सभी तत्त्वों के संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या समान है । दूसरे किसी भी समूह के तत्त्वों को देखने पर उसके संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या एक समान दिखाई देगी । उदाहरण बेरिलिअम (Be), मॅग्नेशियम (Mg) तथा कॅल्शियम (Ca) यह तत्त्वसमूह 2 अर्थात्भूक्षारीय धातुओं के वंश में समाविष्ट किए गए है । इनके बाह्यतम कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन होते है । उसी प्रकार समूह 17 अर्थात हैलोजन वंश के फ्ल्युओरिन (F) तथा क्लोरीन (Cl) इनके बाह्यतम कक्षा में सात इलेक्ट्रॉन होते हैं । किसी भी एक समूह में ऊपर से नीचे की अोर जाने पर इलेक्ट्रॉनों की कक्षाओं मे क्रमशः वृद्धि होती जाती है इससे यह स्पष्ट होता है कि बाह्यतम कक्षाओं का इलेक्ट्रॉनिक संरूपण यह आधुनिक आवर्त सारणी के प्रत्येक समूह की विशेषता होती है परंतु जैसे ही हम किसी समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाते है वैसे वैसे कवचों की संख्या में वृद्धि होती जाती है ।

 

गुरुवार, 24 सितंबर 2020

उपग्रह प्रक्षेपक (Satellite Launch Vehicles)

                      उपग्रह प्रक्षेपक (Satellite Launch Vehicles)



उपग्रहों को उनकी निर्धारित कक्षाओं में स्थापित करने के लिए उपग्रह प्रक्षेपकाें (Satellite Launch Vehicles) का उपयोग किया जाता है । उपग्रह प्रक्षेपक का कार्य न्यूटन के गतिविषयक तीसरे नियम पर आधारित है । प्रक्षेपक में विशिष्ट प्रकार के ईंधन का उपयोग करते हैं । इस ईंधन के ज्वलन से निर्माण होनेवाली गैसें गर्म होने के कारण प्रसारित होती है और प्रक्षेपक की पूँछ की ओर से प्रचंड वेग से बाहर निकलती हैं । इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप प्रक्षेपक पर एक ‘धक्का’ (Thrust) कार्यकरता है । प्रक्षेपक पर लगनेवाले धक्केके कारण प्रक्षेपक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित होता है । उपग्रह का भार कितना है और वह कितनी ऊँचाई पर स्थित कक्षा में प्रस्थापित करना है इसके अनुसार प्रक्षेपक की रूपरेखा निश्चित की जाती है । प्रक्षेपक को लगनेवाला ईंधन भी इसी आधार पर निश्चित किया जाता है । वास्तव में प्रक्षेपक में ईंधन का ही भार बहुत अधिक होता है । अतः प्रक्षेपक को प्रक्षेपित करते समय उसके साथ ईंधन के बहुत अधिक भार को भी वहन करना पड़ता है । अतः इसके लिए खंडों में बने हुए प्रक्षेपक का उपयोग करते हैं । इस युक्ती के कारण प्रक्षेपक ने उड़ान भरने के पश्चात क्रमशः उसका भार भी कम करते बनता है । उदाहरणार्थ, माना कोई प्रक्षेपक दो खंडो वाला है |  

  प्रक्षेपक की उड़ान के लिए पहले खंड का ईंधन और इंजिन का उपयोग किया जाता है । इससे प्रक्षेपक को एक निश्चित वेग और ऊँचाई प्राप्त होती है । इस पहले खंड का ईंधन समाप्त होने के पश्चात खाली टंकी और इंजिन प्रक्षेपक से मुक्त होकर नीचे समुद्र में या निर्जन स्थान पर गिर जाते हैं । पहले खंड का ईंधन समाप्त होते ही दूसरे खंड का ईंधन प्रज्ज्वलित हो जाता है । अब प्रक्षेपक में केवल दूसरा खंड होने के कारण उसका भार बहुत कम हो जाता है और वह अधिक वेग से सफर कर सकता है । सामान्यतः सभी प्रक्षेपक ऐसे दो या अधिक खंडो से बने होते हैं । 

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सोमवार, 31 अगस्त 2020

why I love my school ( english essay)

 why I love my school

My school strikes the perfect balance between modern education and vintage architecture. The vintage buildings of my school never fail to mesmerize me with their glorious beauty.

However, their vintage architecture does not mean it is out-dated, as it is well-equipped with all the contemporary gadgets. I see my school as a lighthouse of education bestowing knowledge as well as ethical conduct upon us. In contrast to other schools, my school does not solely focus on academic performance. In other words, it emphasizes on the overall development of their students.

Along with our academics, extra-curricular activities are also organized at our school. This one of the main reasons why I love my school as it does not measure everyone on the same scale. Our hardworking staff gives time to each child to grow at their own pace which instills confidence in them. My school has all the facilities of a library, computer room, playground, basketball court and more, to ensure we have it all at our disposal.

Independence Day Speech Essay In Hindi 2020



 

Independence Day Speech Essay In Hindi 2020: भारतीय स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है, 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने भाषण 'ट्रिस्ट वीद डेस्टिनी' के साथ ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी की घोषणा की। और 15 अगस्स्त को राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया। तब से हर साल 15

अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 15 अगस्त 2020 को भारत अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस 2020 मना रहा है। पूरी दुनिया में कोरोनावायरस महामारी का प्रकोप लगातार जारी है, जिसकी वजह से देश पर आर्थिक संकट भी है। इसलिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2020 की थीम 'आत्मनिर्भर भारत-स्वतंत्र भारत रखी है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का भाषण ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा, पीएम मोदी दिल्ली के लाल किले पर केवल झंडा फहराने के लिए जाएंगे। 14 अगस्त को रात्री में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के नाम संबोधन में स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देंगे। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर निबंध और स्वतंत्रता दिवस पर लेख लिखे और पढ़े जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर भाषण प्रतियोगिता, स्वतंत्रता दिवस पर निबंध प्रतियोगिता, स्वतंत्रता दिवस पर लेख प्रतियोगिता और स्वतंत्रता दिवस पर कविता प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इसके अलावा लोग स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं सन्देश , स्वतंत्रता दिवस पर शायरी, स्वतंत्रता दिवस के कोट्स, स्वतंत्रता दिवस के मैसेज, स्वतंत्रता दिवस के एसएमएस, स्वतंत्रता दिवस के पोस्टर, स्वतंत्रता दिवस की ड्राइंग, 15 अगस्त पर भाषण, 15 अगस्त पर निबंध, 15 अगस्त के कोट्स, 15 अगस्त की शायरी, 15 अगस्त के मैसेज, 15 अगस्त के मैसेज, 15 अगस्त की फोटो, 15 अगस्त के एसएमएस, 15 अगस्त की कविता, देशभक्ति शायरी, देशभक्ति कोट्स, इंडियन आर्मी कोट्स और इंडियन आर्मी शायरी एक दूसरे को भेजते हैं। लेकिन हम बच्चों, छात्रों, युवाओं और शिक्षकों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण निबंध लेकर आये हैं, जिसे आप किसी भी मंच से पढ़ सकते हैं। तो आइये जानते हैं 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर सबसे बेस्ट भाषण निबंध हिंदी में कैसे लिखे पढ़ें....good day

रविवार, 9 अगस्त 2020

मानवीय उत्क्रांति (human evolution)

      उत्क्रांति के कारण अत्यंत सरल एक कोशिकीय सजिवों से लेकर आज तक ज्ञात सभी जैव विविधताओं का सृजन हुआ दिखाई

देता है|इसमें मानववंश की शुरुवात संझिप्त निम्न आकृति के द्वारा बदया गया है|करीब करीब सात करोड़ वर्ष - पूर्व जब अंतिम डायनासोर का विनाश हुआ तब बंदर के जैसे देखने वाले प्राणी उनसे भी अधिक प्राचीन ऐसे थोड़े बहुत आधुनिक लेम्यूर के जैसे दिखनेवाले प्राणियों से विकसित हुए होंगे|चार करोड़ वर्ष पूर्व आफ़्रिका के इस बंदर जैसे प्राणियों की पूंछे नष्ट हुई, उनके मस्तिष्क का आकार बड़ा होकर उनका विकास हुआ, हाथों के पंजों में सुधार हुआ तथा वे एप जैसे प्राणी बने| कालांतर में ये शुरुवात के एप जैसे प्राणी दझिन (south) तथा आग्नेय एशिया में पहुंचे तथा अंत में गिबन तथा ओरंग उटान में उनका रूपांतरण हुआ|शेष एप जैसे प्राणी आफ़्रीका में स्थाइ हुए तथा लगभग 2.50 करोड़ वर्ष पूर्व उनसे चिंपाझी तथा गोरिला का उदय हुआ| लगभग 2 करोड़ वर्ष पूर्व एप की कुछ जातियों का विकाश भिन्न रूप में होता हुआ दिखाई दिया|अन्न ग्रहण करके के लिए तथा अन्य कार्यों के लिए उनके हाथों का आधिक उपयोग होने लगा|

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सोमवार, 20 जनवरी 2020

ऊर्जा (Energy)

ऊर्जा:
ऊर्जा के दो प्रकार होते है|
1) गतिज ऊर्जा (kinetic Energy)
गतिशील पिंड, स्थिर पिंड से टकराने पर
स्थिर पिंड गतिशील हो जाता है,उसे
गतिज ऊर्जा कहते हैं|
2) स्थितिज ऊर्जा (potential Energy)
पदार्थ की विशिष्ट स्थिति के कारण या उसमें जो
ऊर्जा समाविष्ट होती हैं उसे स्थितीज ऊर्जा
कहते हैं|

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