चंद्र अभियान (Moon missions)

 चंद्र अभियान (Moon missions) 

              चंद्रमा यह हमारे लिए सबसे नजदीकी खगोलीय पिंड होने के कारण सौरमंडल के घटकों की ओर भेजे हुए अभियानों में ये सबसे पहले अंतरिक्ष अभियान है । ऐसे अभियान आज तक सोव्हियत युनियन, अमेरिका, युरोपियन देश, चीन, जपान और भारत ने जारी किए हैं । सोवियत यूनियन ने भेजी हुई लूना श्रृंखला के अंतरिक्ष यान चंद्रमा के नजदीक पहुँचे थे । 1959 में प्रक्षेपित किया गया लूना 2 यह ऐसा ही पहला यान था । इसके पश्चात 1976 तक भेजे गए 15 यानों ने चंद्रमा का रासायनिक विश्लेषण किया और उसके गुरुत्व, घनत्व तथा चंद्रमा से निकलने वाले प्रारणों का मापन किया । अंतिम 4 यानों ने वहाँ के पत्थरों के नमुने पृथ्वी पर स्थित प्रयोगशालाओं में अध्ययन करने के लिए लाए । ये अभियान मानवरहित थे । 

        


       अमेरिका ने भी 1962 से 1972 में चंद्र अभियान जारी किए । उसकी विशेषता यह थी उनके कुछ यानों द्वारा मानव भी चंद्रमा पर उतरे । जुलाई 1969 में नील आर्मस्ट्राँग ये चंद्रमा पर कदम रखनेवाले प्रथम मानव बने । सन्2008 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण किया और वह यान चंद्रमा की कक्षा में प्रस्थापित किया । इस यान ने पृथ्वी पर एक वर्ष तक जानकारी भेजी । इस अभियान की सबसे महत्वपूर्ण खोज है चंद्रमा पर पानी का अस्तित्व । यह खोज करनेवाला भारत यह पहला देश है ।  

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