विद्युत चलित्र (Electric Motor)
ऊर्जाके विविध रूप आपको पता हैं । आपको यह भी पता है कि ऊर्जा का रूपांतरण हो सकता है विद्युत ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा मे रूपांतरण करने वाले यंत्र को विद्युत चलित्र कहते है । हमारे आसपास दैनिक जीवन में इस विद्युत चलित्र को वरदान ही कहा जा सकता है । इसका उपयोग पंखे, प्रशीतक, मिक्सर, धुलाई यंत्र, संगणक, पंप में किया हुआ िदखता है ? यह विद्युत चलित्र कैसे कार्यकरता है? विद्युत चलित्र में विद्युत अवरोधक आवरण वाले ताँबे के तार की एक आयताकार कुंडली होती है । यह कुंडली, चुंबक के (उदा. नाल चुंबक) उत्तर और दक्षिण ध्रुवों के बीच, आकृति में दिखाए अनुसार इस प्रकार रखी होती है कि उसकी AB तथा CD भुजाएँ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के लंबवत होती हैं । कुंड़ली के दो सिरे विभक्त वलय के दो अर्धभागों X तथा Y से संयोजित होते हैं । इन अर्धभागों की भीतरी सतह विद्युतरोधी होती है तथा चलित्र की धूरी से जुड़ी होती है । X तथा Y अर्धवलयों के बाहरी विद्युत वाहक पृष्ठभाग दो स्थिर कार्बन ब्रश E तथा F से स्पर्शकरते हैं । आकृति में दर्शाए अनुसार, विद्...